UPPCS : नेगेटिव मार्किंग के लिए रणनीति

UPPCS Pre में 33% नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है अर्थात प्रति 3 गलत प्रश्न पर 1 सही प्रश्न का नुकसान। अतः इसके के लिये पहले से रणनीति बनाना जरूरी है।

नेगेटिव मार्किंग से दो तरह के छात्रों को नुकसान होता है।

पहले वे जो नेगेटिव मार्किंग से बहुत डरते हैं और दूसरे वे जो इसे बहुत हल्के में लेते हैं। दोनों तरह के छात्र प्रायः कट ऑफ से पीछे रह जाते हैं।

दोनों समस्याओं का समाधान मध्यम मार्ग है। नेगेटिव मार्किंग से न तो बहुत डरने की जरूरत है और न ही सिर्फ तुक्केबाजी करने की।

उपाय : Elimination Method - सही उत्तर पता न होने पर गलत उत्तर अलग कर करके विकल्पों को 2 या 3 तक सीमित करना।

1. पहले उन प्रश्नों को कर लें जिनका उत्तर पता हो।

सावधानी: अति उत्साह से बचे। अक्सर  4 से 5 सही उत्तर थोड़ी सी असावधानी से गलत हो जाते हैं। इसलिए प्रश्न दो बार और अंत तक पढ़े। सभी विकल्पों पर ध्यान दें। विकल्प A को सजगता से चुने। कभी कभी आयोग इसका प्रयोग चारे के रूप में करता है।

2. वे प्रश्न जिनके बारे में कुछ न पता हो से छोड़ देना ही समझदारी है। फिर भी प्रश्न और विकल्पों को ध्यान से पढ़े शायद कोई आईडिया या लिंक मिल जाए।

3. अब उन प्रश्नों की बारी है जिनके उत्तर तो नहीं आते लेकिन इतना पता होता है की कौन सा विकल्प सही नहीं है। कभी कभी दो विकल्पों में तो कभी कभी तीन विकल्पों में मामला अटकता है।

ऐसे प्रश्नों को हल करना चाहिए। यहाँ तुक्का लगाने है कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि नेट लाभ होगा।

मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जो उत्तर दिमाग में सबसे पहले आता है उसके सही होने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। जब हम पहले चुने हुए विकल्पों में बदलाव करते हैं तो अक्सर उत्तर गलत हो जाता है। अतः मन की सुने। अंतिम समय में, पहले चुने विकल्पों में कोई बदलाव तक करें जब आपके पास प्रबल तर्क हो।

अंतिम बात, OMR में गोलियाते समय हड़बड़ी न करें नहीं तो एक दो प्रश्नों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।