कैसे पढ़ें?

#सर_पढ़ने_के_लिए_टाइम_नहीं_मिलता, कैसे पढें?
यह सवाल अभ्यर्थी अक्सर पूछते है, खासकर जॉब करने वाले। अगर आप जॉब में हैं, आपको अध्ययन करने के लिए समय नहीं मिल रहा है तो स्वयं से पूछिए क्या सच में समय का इतना अभाव है? क्या आप सच में इतना बिजी है कि आपको अपने सपने तक को पूरा करने के लिए समय नहीं है? क्योंकि मुझे तो ऐसा नहीं लगता। 

जब एक बस कन्डक्टर यूपीएससी में इंटरव्यू दे सकता है, एक कॉन्स्टेबल एसडीएम बन सकता है, तीन बच्चों की वर्किंग माँ यूपीपीएससी में टॉप रैंक ला सकती है तब कोई यह कैसे कह सकता है कि उसे पढ़ने के लिए समय नहीं मिल रहा?

मेरा अपना मानना है कि पढ़ाई के घंटे मायने नहीं रखते बल्कि पढ़ाई कितनी लगन और एकाग्रता से की गई वह महत्वपूर्ण है।

आप श्याम बाबू को जानते होंगे जो यूपी पुलिस में सिपाही होने के बावजूद उन्होंने यूपी पीसीएस जैसी कड़ी परीक्षा को न केवल पास किया बल्कि अच्छी रैंक लाकर एसडीएम भी बने। आप ये भी जानते हैं कि पुलिस पर कितना वर्कलोड रहता है। छुट्टी तो भूल जाइए, अपने लिए भी समय नहीं मिलता। अधिकांश पुलिस वाले तनाव में रहते हैं। इन सब मुश्किलों से पार पाते हुए श्याम सर अपने आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से सिपाही से एसडीएम बन गए।

श्याम सर जैसे बहुत सारे उदाहरण हमारे सामने हैं। हमारे पास दो रास्ते हैं; पहला, श्याम सर जैसे प्रेरणास्रोतों से सीखें, प्रेरणा लें और मुश्किलों को रौंदकर अपने सपनों को पूरा करें और दूसरा रास्ता है कि हम बहाना बनाकर खुद को धोखा  दें और जीवन भर खुद को कोसते रहें। मुझे पूरा विश्वास है कि आप पहले रास्ते को ही चुनेंगे जिसमें मुश्किलें और बाधाएँ बहुत हैं लेकिन इसकी मंजिल बहुत शानदार, संतोषप्रद और सुखदायक है।

जिनके सपनों में जान होती है वे काँटों में भी अपना मार्ग बना लेते हैं। उठो, आगे बढ़ो और तबतक मत रुकना जबतक आपके सपने पूरे नहीं हो जाते। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। माता-पिता और भगवान का आशीर्वाद आपके साथ है।