कोरोना वायरस क्या है? Corona | COVID 19

नमस्कार 🙏 दोस्तों मैं विजय चौधरी डिप्टी एसपी,
आज हम एक ऐसे जीव की बात करेंगे जिसने पूरे विश्व में अफरा तफरी मचा रखी है। जी हां, आज हम कोरोना वायरस की बात करेंगे। चूंकि मैं एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी हूं  अतः मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मैं इस वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करूं ताकि इससे बचा जा सके। 

कोरोना असल में वायरस की एक फैमिली है; एक समूह है।  वायरस या विषाणु अतिसूक्ष्म जीव होते हैं जिनमें सजीव तथा निर्जीव दोनों के लक्षण पाए जाते हैं। कोरोना वायरस सूर्य के मुकुट के समान दिखता है इसलिए इसका नाम कोरोना पड़ा। 

इस समय जिस कोरोना ने महामारी फैलाई है उसे नोवल कोरोना वायरस कहते हैं। इसे नोवल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह मनुष्य से नरमी से पेश आ रहा है और नया है जबकि इसके दो बड़े भाइयों ने मनुष्य के साथ बड़ा कठोर बर्ताव किया था। एक भाई का नाम था SARS (Severe Acute Respiratory Syndrome) तथा दूसरे भाई को MERS (Middle East Respiratory Syndrome) कहते हैं।

नोवल कोरोना वायरस का जन्म दिसम्बर, 2019 में चीन के वुहान शहर में हुआ। यह एक जूनोटिक वायरस है अर्थात इसने जानवरों के माध्यम से मनुष्य में प्रवेश किया है।

इसके प्रसार या ट्रांसमिशन की दर बहुत तेज है। यह  5जी की गति से पहले पूरे चीन में फैला फिर देखते ही देखते पूरे विश्व में फैल गया। WHO ने इसे Pandemic या महामारी घोषित कर दिया है।

कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के माध्यम से तेजी से फैल रहा है। इस वायरस से होने वाले रोग को COVID19 अर्थात Corona Virus Disease 2019 कहते हैं। कोविड19 से बीमार व्यक्ति के खाँसने, छीकने से यह वायरस संपर्क में आने वाले लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा यह वायरस विभिन्न संक्रमित वस्तुओं जैसे - कपड़े, बर्तन, मास्क, टीश्यू पेपर आदि के माध्यम से भी फैल रहा है। 

अगर आंकड़ों की बात करें तो अब तक 135 से अधिक देशों में डेढ़ लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। करीब साढ़े पाँच हजार लोग इस रोग से अपनी जान भी गवां चुके हैं।

कोविड 19 के लक्षण

इसके  लक्षण सर्दी जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। शुरू में बुखार, सूखी खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। बाद में सिर दर्द, गला दर्द और निमोनिया जैसे लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं। ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जैसे बीमार, वृद्ध, बूढ़े और बच्चे इत्यादि में इसका प्रकोप ज्यादा रहता है। COVID 19 में मृत्यु दर करीब 3.4% है अर्थात हर एक हजार संक्रमित में 34 मौतें हो रही है। 

COVID 19 एक नई बीमारी है। अभी तक इसका ना तो कोई टीका बना है और ना ही कोई दवाई। अतः बचाव ही  इसका इलाज है। इससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसका ज्ञान होना जरूरी है।

1. उपर्युक्त लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2.  संक्रमित व्यक्ति को अलग रखें।
3. साबुन से या हैंडवाश से हाथ को दिन में कई बार धोयें।
4.  चेहरा, नाक और मुंह को छूने से बचें।
5. भीड़-भाड़ से दूर रहें। एयरपोर्ट, बॉर्डर चेक पोस्ट या ऐसे पर्यटन क्षेत्र जहां विदेशी आते हैं वहां जाने से बचें या फिर मास्क पहनकर जाएं।
6. विदेश यात्रा से बचें।
7. शरीर को गर्म रखने तथा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करें।
8. योग, व्यायाम, कसरत करते रहें।
9. ठंडे खाद्य पदार्थों/पेय पदार्थों का सेवन ना करें।
10. अफवाह, फेक न्यूज, सनसनी वाले पोस्ट या न्यूज़ शेयर ना करें।
11.  संक्रमण होने पर भी घबराए नहीं। ध्यान रखें कि आपके माध्यम से यह आगे ना बढ़ने पाए।
12. सीफूड, मांस, मछली को खूब पका कर खाएं; यदि खाते हैं तो।
13. नमस्ते की संस्कृति अपनाएं।

इस प्रकार उपयुक्त उपायों से आप स्वयं को कोरोना से बचा सकते हैं। यह इतना भी भयानक वायरस नहीं है कि इसके होने पर बहुत डरा जाए। कुछ दिनों में यह स्वयं ठीक हो जाता है। अभी यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम के लिए नया है इसलिए थोड़ा ज्यादा समस्या हो रही है। कुछ समय बाद शरीर स्वयं इसके लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकता है और कोरोना सामान्य सर्दी-जुकाम जैसा हो जाएगा।   

यह भी काबिलेगौर है कि कई अनुसंधानों के अनुसार कोरोना वायरस ज्यादा गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है अतः यह स्वतः भारत जैसे गर्म देशों से मई-जून तक विलुप्त हो जाएगा। उम्मीद करते हैं कि तब तक हमारे वैज्ञानिक इसका इलाज भी ढूढ़ लेंगे।

मस्त रहो स्वस्थ रहो



कैसे पढ़ें?

#सर_पढ़ने_के_लिए_टाइम_नहीं_मिलता, कैसे पढें?
यह सवाल अभ्यर्थी अक्सर पूछते है, खासकर जॉब करने वाले। अगर आप जॉब में हैं, आपको अध्ययन करने के लिए समय नहीं मिल रहा है तो स्वयं से पूछिए क्या सच में समय का इतना अभाव है? क्या आप सच में इतना बिजी है कि आपको अपने सपने तक को पूरा करने के लिए समय नहीं है? क्योंकि मुझे तो ऐसा नहीं लगता। 

जब एक बस कन्डक्टर यूपीएससी में इंटरव्यू दे सकता है, एक कॉन्स्टेबल एसडीएम बन सकता है, तीन बच्चों की वर्किंग माँ यूपीपीएससी में टॉप रैंक ला सकती है तब कोई यह कैसे कह सकता है कि उसे पढ़ने के लिए समय नहीं मिल रहा?

मेरा अपना मानना है कि पढ़ाई के घंटे मायने नहीं रखते बल्कि पढ़ाई कितनी लगन और एकाग्रता से की गई वह महत्वपूर्ण है।

आप श्याम बाबू को जानते होंगे जो यूपी पुलिस में सिपाही होने के बावजूद उन्होंने यूपी पीसीएस जैसी कड़ी परीक्षा को न केवल पास किया बल्कि अच्छी रैंक लाकर एसडीएम भी बने। आप ये भी जानते हैं कि पुलिस पर कितना वर्कलोड रहता है। छुट्टी तो भूल जाइए, अपने लिए भी समय नहीं मिलता। अधिकांश पुलिस वाले तनाव में रहते हैं। इन सब मुश्किलों से पार पाते हुए श्याम सर अपने आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से सिपाही से एसडीएम बन गए।

श्याम सर जैसे बहुत सारे उदाहरण हमारे सामने हैं। हमारे पास दो रास्ते हैं; पहला, श्याम सर जैसे प्रेरणास्रोतों से सीखें, प्रेरणा लें और मुश्किलों को रौंदकर अपने सपनों को पूरा करें और दूसरा रास्ता है कि हम बहाना बनाकर खुद को धोखा  दें और जीवन भर खुद को कोसते रहें। मुझे पूरा विश्वास है कि आप पहले रास्ते को ही चुनेंगे जिसमें मुश्किलें और बाधाएँ बहुत हैं लेकिन इसकी मंजिल बहुत शानदार, संतोषप्रद और सुखदायक है।

जिनके सपनों में जान होती है वे काँटों में भी अपना मार्ग बना लेते हैं। उठो, आगे बढ़ो और तबतक मत रुकना जबतक आपके सपने पूरे नहीं हो जाते। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। माता-पिता और भगवान का आशीर्वाद आपके साथ है।